बुराई भी होनी जरूरी है,
क्योंकि हर रोज तारीफ मिलेगी तो आगे नही बढ़ पायेंगे...
ज़िन्दगी दो दिन की है,
एक दिन आपके हक़ में, एक दिन आपके खिलाफ,
जिस दिन हक में हो गुरुर मत करना,
और जिस दिन खिलाफ हो, थोडा सा सब्र ज़रूर करना।
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
किस एक विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ,
कुविचारों का त्याग कर केवल उसी विचार बारे में सोचो,
तुम पाओगे कि सफलता तुम्हारे कदम चूम रही है।
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|