उम्र थका नहीं सकती, ठोकरें गिरा नहीं सकती,
अगर जीतने की जिद हो तो, परिस्थितियाँ हरा नहीं सकतीं...
इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है
त्याग दी सब ख्वाहिशें
कुछ अलग करने के लिए
“राम” ने खोया बहुत कुछ
“श्री राम” बनने के लिए
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
कितने मूर्ख हैं
हम भगवान के बनाए फलों को भगवान को ही अर्पण करके धन दौलत माँगने लगते हैं