"कठोर परिश्रम कभी भी विफल नहीं होता ।"
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
पापा को अपने आज क्या उपहार दू,
तोहफे दे फूलों के या गुलाबों का हार दू,
हमारी जिंदगी में जो है सबसे प्यारे,
उन पर तो अपनी जिंदगी ही वार दू।
THE REASON PEOPLE
FIND IT SO HARD
TO BE HAPPY IS THAT
THEY ALWAYS SEE
THE PAST
BETTER THAN IT WAS,
THE PRESENT
WORSE THAN IT IS,
AND THE FUTURE
LESS RESOLVED
THAN IT WILL BE.