अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे,
वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
लगता है मैं 💁🏻♂️भूल चुका हूँ मुस्कुराने 🤗 का हुनर…
कोशिश जब भी करता हूँ आँसू 😥 निकल आते हैं..!
कुछ अजीब सा रिश्ता है
उसके और मेरे दरमियां
ना नफरत की वजह मिल रही है
ना मोहब्बत का सिला