कामयाबी के दरवाजे उन्ही के लिए खुलते हैं
जो उन्हें खटखटाने की ताकत रखते हैं।
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
Jamane bhar mein milte hain aashiq kayi,
Magar vatan se khubsurat koi sanam nahi hota,
Noto mein lipat kar, sone mein simat kar mare hain kayi,
Mager tirange se khubsurat koi khafan nahi hota.
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.