“मंजिल तो उसे एक दिन मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो लोग होते हैं जो घर से निकलते ही नहीं”
हमसफ़र खूबसूरत नहीं
बल्कि सच्चा होना चाहिए
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
हर सफलता संघर्ष से होकर गुजरती है
बिना संघर्ष के सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।