ज़िन्दगी की थकान में ग़ुम हो वो लफ्ज़
जिसे सुकून कहते है
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,डरता है दिल उनकी रुसवाई से,और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते |
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैंवो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
Dard ho Dil Men To Dawa KijiyeDil hi Jab Dard Ho To Kya Kijiye.