हमें तुमसे मिलने के लिये मीलों का नही,
सिर्फ पलकों का फासला तय करना पड़ता है.
Raat Karwaten Badal Kar Guzar Jati Hai
Teri Baahon Me Soone Ko Ji Chahta Hai
Na Jane Ye Ishq Ki Kaun Si Manzil Hai
Har Waqt Tujh Pe,Jaan Nichawar Karne Ko Ji Chahta Hai.!
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
Fasle bohat hai par itna maan lijiye, Qareeb reh ker bhi her koi khas nahi hota,Aap khayalon mein bhi itna qareeb hai,Ke faaslon ka ehsas hi nahi hota.