अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा,
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा!
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा