यूँ ही भटकते रहते है, अरमान तुझसे मिलने के,
न ये दिल ठहरता है न तेरा इन्तजार रूकता है.
जब यार मेरा हो पास मेरे, मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ, जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना, या रूह मैं उसकी बन जाऊँ।
जब कभी सिमटोगे तुम... मेरी इन बाहों में आकर, मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
चाहा है तुम्हें अपने अरमान से भी ज्यादा, लगती हो हसीन तुम मुस्कान से भी ज्यादा, मेरी हर धड़कन हर साँस है तुम्हारे लिए, क्या माँगोगे जान मेरी जान से भी ज्यादा।
मेरी ज़िन्दगी की ये सबसे बड़ी तमन्ना हैं, मेरे पास रहो तुम हमेशा मेरी साँस बनके।