सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरसजब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरसपहले ना बरस कि वो आ न सकेजब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुज़र जाती है,प्यास बुझती भी नहीं बरसात गुज़र जाती है,अपनी यादों से कहो यु ना आया करेनींद आती भी नहीं रात गुजर जाती है..
Agar Bhigne Ka Itna Hi Shaukh Hai Baarish Me,To Dekho Meri Aankho Me,Baarish To Har Ek Ke Liye Barasti Hai,Lekin Ye Aankhe Sirf Tumhare Liye Barasti Hai..
तुम्हें पहली बारिश पसंद है और मुझे तुमतुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,तुम्हें हमसे बात करना पसंद है, मुझे बोलते हुए तुमतुम्हें सब कुछ पसंद हैं और मुझे बस तुम...