"अब तुझसे क्या शिकवा करूं, लेकिन
तेरी यादों की बारिश ने तबाही बहुत मचाई है।"
Ab Kon Se Mausam Se Koi Aas LagayeBarsaat Mein Bhi Yaad Na Jab Un Ko Hum Aye..
कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
मज़ा बरसात का चाहो तो इन आँखों में ना बैठोवो बरसो में कभी बरसे, यह बरसो से बरसती है|
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..