गुज़रे हुये लम्हों की हमें याद तो होगी।
कोविड में अगर ना भी मिलें, दोस्ती आबाद तो होगी।।
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
ज़िंदगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,आँखों में हमारी आसू है तो क्या,जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी
जिस के पास कुछ भी नही है , उस पर दुनिया हसती है .. जिस के पास सबकुछ है , उसपर दुनिया जलती है .. मेरे पास आप जैसे अनमोल दोस्त है , जिनके लिए दुनिया तरसती है ....
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!