आज कल गलतियां भी सोच
समझ कर करनी चाहिए
क्योंकि लोग मोका ढुढते है।
रिश्ते तोड़ने का...!
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है
जिंदगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने
अभी तो सारा आसमान बाकी है…
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो,
गुनगुनाते परिंदों की आवाज़ हो,
हाथ में चाय का कप, और यादों में कोई ख़ास,
उस खूबसूरत सुबह की पहली याद आप हो।