ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत
सब फ़रेब के आईने हैं
हाथों में तेरा हाथ होने से ही
मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं😍❣️
ना चाँद की चाहत
ना सितारों की फरमाइश
हर जन्म में तू मिले
मेरी बस यही ख्वाहिश
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!
इंसानी जिस्म में सैंकड़ों हैवान देखे हैं,
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|”
भुलाया उनको जाता है जो दिमाग में बसते है,
दिल में बसने वालो को भूलना नामुमकिन है!!