कोन जाने इश्क में क्यों एक नजर ही कायनात होती है
अरे इश्क के शहर में तो ये साज़िश भी बड़े शान से होती है
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।
मेरी ज़िन्दगी की ये सबसे बड़ी तमन्ना हैं, मेरे पास रहो तुम हमेशा मेरी साँस बनके।