नफ़रत नहीं है तुमसे,
लेकिन अब प्यार भी नहीं है,
बिछड़ने का ग़म तो है,
लेकिन अब मिलने की चाहत भी नहीं है।
वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों,
अब तो हर सांस जिंदा रहने कि वजह पूछती है।
तेरी आवाज़ सुनने को तरसे है मन मेरा,
तेरी एक झलक पाने को बेकरार है मन मेरा,
अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा तेरे साथ गुजारु,
हर पल बस यही चाहता है मन मेरा!!
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!