मौत तो नाम से ही बदनाम है,
वरना तकलीफ तो जिन्दगी ही देती है।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
सदा दूर रहो गम की परछाई से
सपना न हो कभी तन्हाइयों से
हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका
यही दुआ है दिल की गहराइयों से
HAPPY NEW YEAR 2021
पहली मुलाकात में ये ऐसा हुआ अहसास,
उनके मुहब्बत के दो शब्द थे बहुत खास.
आखिरी मुलाकात में कुछ कहना ही था उनसे,
हम सोचते ही रह गए की गुजर गया साल.
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।