अभी मेरे इश्क़ से अनजान हो तुम
मेरे लिए खुदा का दिया इनाम हो तुम
तुम मेरे हो मेरे हिस्से आओगे
मेरे लिए जारी एक फरमान हो तुम
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तक़ाज़ा है,
मेरे दिल का दर्द अभी ताज़ा ताज़ा है,
गिर पड़ते हैं मेरे आँसू मेरे ही काग़ज़ पर
लगता है कलम में स्याही का दर्द ज़्यादा है!!
आँखों में मंज़िलें थी
गिरे और सँभालते रहे..
आँधियों में क्या दम था
चिराग हवा में भी जलते रहे…
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho
Jee Chahe Ki Duniya Ki Har Ek Fikr Bhula Kar,
Dil Ki Baatein Sunaun Tujhe Pass Bitha Kar.