खुशियों से भरा जैसे कल हो कोई
तू जैसे हर मुश्किल का हल हो कोई
तुझे पढ़कर मुस्कुराने लगता हूँ मैं
मोहब्बत की जैसे तू ग़ज़ल हो कोई
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं।
“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho