दुनिया वालों वो मेरा है किसी और का हो नहीं सकता,
बहुत नायाब है वो कोई और उस जैसा हो नहीं सकता,
तुम्हारे साथ जो गुज़ारे हैं वो मौसम याद आते हैं,
तुम्हारे बाद कोई भी मौसम सुहाना हो नहीं सकता।
Us Fiza Mein Bhi Jalta Raha
Mein Kisi Ke Liye…..
Jaha Charaag Bhi Taraste They Roshni Ke Liye…
Diwangi har raz khol deti hai,
Khamosi bhi har baat bol deti hai,
Shikayat hai muze sirf is dunia se,
Jo dil ke jazbat bhi paiso se tol detihai.
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
Deewana hun tera, mujhe inkaar nahi,
Kaise keh dun ki mujhe tumse pyar nahi,
Kuch shararat to teri nazro mein bhi thi,
Main akela hi to iska gunehgar nahi…!!