“दिल की धड़कन रुक सी गई,
सांसें मेरी थम सी गई !
पूछा हमने दिल के डॉक्टर से पता चला,
कि सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई।
आदत है या तलबइश्क है या चाहततू दिल मे है या साँसों मेतू दीवानगी है या मेरी आशिकीतू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सापर जो भी है सिर्फ तू है
Tu hasi chand kisi aur ka sahi
Par tu mere andhere ki roshni he…
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
आलम तो ये न था कि दूरियाँ इतनी बढ़ जाये,पर बेक़रारी ने तो हद कर दी।
आलम तो ये न था कि दूरियाँ इतनी बढ़ जाये,
पर बेक़रारी ने तो हद कर दी।