“दिल की धड़कन रुक सी गई,
सांसें मेरी थम सी गई !
पूछा हमने दिल के डॉक्टर से पता चला,
कि सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई।
तरस जाओगे हमारे मुँह से सुनने को एक लव्ज़
प्यार की बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…
Kitna pyar karte hai hum unse,
Kaash unko bhi yeh ehsaas ho jaye,
Magar aisa na ho ke woh hosh mein tab aaye,
Jab hum gehri neend mein so jaye…
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
Izhar-e-Tamanna Hi Tauheen-e-Tamanna Hai,
Tum Khud Hi Samajh Jaao Main Naam Nahi Lunga.