“लोगों की सोच से जो डरते हो तुम,
इसी लिए खुद की सोच में खुद गिरते हो तुम।
प्यार वो है जिसमें सच्चाई साथ हो
साथी की हर बात का एहसास हो
उसकी हर अदा पर नाज हो
दूर रहकर भी पास होने का अहसास हो
दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता,
रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता,
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में,
और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता!
अपने इन् हाथों की लकीरों
को क्या देखता हो?
किस्मत तो उनकी भी होती है
जिनके हाथ नहीं होते…
तय है बदलना, हर चीज बदलती है इस जहां में,
किसी का दिल बदल गया, किसी के दिन बदल गए।