अगर, मगर, और काश में हूं…
फिलहाल मैं अपनी ही तलाश में हूं…
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब,कि सारी उम्र हम अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे।
आओ झुक के सलाम करें उनको,जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,खुशनसीब होता है वो खून,जो देश के काम आता है.
जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
Phool ki shuruvat kali se hoti hai,
Zindagi ki shuruvat pyar se hoti hai,
Pyar ki shuruvat apno se hoti hai aur
apno ki shuruvat aapse hoti hai.
HAPPY HOLI