तुम्हें कितनी मोहब्बत है मालूम नहीं,
मुझे लोग आज भी तेरी कसम दे कर मना लेते है।
उसको चाहा पर इजहार करना नही आया,
कट गयी उम्र हमें प्यार करने नही आया,
उसने कुछ माँगा भी तो मागी रजाई,
और हमे इंकार करना नही आया....
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!
Ho Jaun Itna Madhosh Tere Pyar Mai
Ke Hosh Bhi Aane Ki Ijaazat Maange..
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !