जो है जगत का पालनहार,
सात घोड़ों की है जिनकी सवारी,
न कभी रुके, न कभी देर करे,
ऐसे हैं हमारे सूर्यदेव, आओ मिलकर करें इस छठ पर उनकी पूजा,