महफ़िल मुझे सिखाने वाला था खुस कैसे रहते हैं।
अकेलापन ने मुझे महफ़िल से बात करने नही दिया।
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…एक नया दर्द ही…पुराने दर्द की दवाई है…!!
तुझे ना पा सके तो भी सारी जिंदगी तुझे प्यार करेंगे
ये जरूरी तो नहीं जो मिल ना सके उसे छोड़ दिया जाये
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे