मंज़िल नहीं मुझे तो राह से मिलना है,
दुनियां के साथ किसे जीना है,
मुझे तो ATTITUDE में जीकर शान से मरना हैं.!!
दुनिया में तो चार दिन के मेहमान है,तो आखिर क्यों इतना परेशां इंसान है,मिटटी से बने है मिटटी में मिल जाना है,तो फिर किस बात का अभिमान है।
हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो!!
वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है!!