“ख़ामोशी से बस तू मेहनत करता जा,
अगर तेरी काबिलियत में दम है तो तेरी कामयाबी ही काफी है,
दुनिया में शोर मचाने के लिए।”
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
Daag Gulami Ka Dhoya Hai Jaan Luta Kar,
Deep Jalaye Hai Kitne Deep Bhujha Kar,
Mili Hai Jab Yeh Azadi To Fir Is Azadi Ko.
Rakhna Hoga Har Dushman Se Aaj Bachakar.