हम तो पत्थर हैं हमको पिघलना नहीं आता,
मौसम कि तरह पल में बदलना नहीं आता।
भाभी किसकी बनेगी, ये तो वक़्त आने पे बताएँगे. लाइन तुम मार लो बेटा..पटा कर हम ले जाएँगे..!!
अगर तुम अपने पापा की “परी”हो, तो हम भी अपने बाप के “नवाब” है !
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म,जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।