बरसों बाद कॉलेज के कैंटीन में गया,
चाय वाले ने पूछा कि चाय के साथ क्या लोगे,
मैंने कहा पुराने दोस्त मिलेंगे !
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी!
दिल टूटना सजा है महोब्बत की,दिल जोडना अदा है दोस्ती की,माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान……वो है दोस्ती हमारी…..
नहीं बन जाता कोई अपनायूँ ही दिल लगाने से,करनी पड़ती है दुआ,सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,रखना संभालकर ये याराना अपना,टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से
Aaj unki dosti me kuchh kami dekhi,Chand ki chandni me kuch nami dekhiUdaas ho ke lout aye hum apne ghar,Unki mehfil jab auron se jami dekhi..!!