बरसों बाद कॉलेज के कैंटीन में गया,
चाय वाले ने पूछा कि चाय के साथ क्या लोगे,
मैंने कहा पुराने दोस्त मिलेंगे !
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
Aaj unki dosti me kuchh kami dekhi,Chand ki chandni me kuch nami dekhiUdaas ho ke lout aye hum apne ghar,Unki mehfil jab auron se jami dekhi..!!
नहीं बन जाता कोई अपनायूँ ही दिल लगाने से,करनी पड़ती है दुआ,सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,रखना संभालकर ये याराना अपना,टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से
होठो पे उल्फत के फ़साने नही आते
जो बीत गये फिर वो जमाने नही आते
दोस्त ही होते है दोस्तों के हमदर्द
कोई फरिस्ते यहा साथ निभाने नही आते