दिल से ख्याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग है कि मिटाया न जाएगा !
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो
Aapki iss dil lagi main hum apna dil kho bethe,Kal tak us khuda ke the aaj hum apke ho bethe,Ishq suna toh tha ki apna deewana bana leta hai,Par aaj khud karke hum bhi apne hosh kho bethe hain.
ऐ बेदर्द… सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ‘ख़ैरियत’ पूछने…अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए.
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!