राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो,
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली,
हमसफर भी तुम ही हो !
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती,हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,दोस्त की कमी हर पल रहती है यार,दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।
Mere humsafar mere saath tum Kabhi aas ban ke dua karo, Kabhi hausala bhi bana karo Kabhi intazaar bhi bana karo, Kabhi saath saath mere chala karo..