जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में.
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे