किसी को किसी से मिलाती हैं यादें
दूरियों की दूरी मिटाती हैं यादें
किसी को होश में लाती हैं और
किसी को पागल बनाती हैं यादें
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |