सब सही करके भी गलत हूँ मैं
ये कैसी तेरी फरियादें हैं
मैंने दिल का कमरा जला दिया
यहाँ फिर भी तेरी यादें हैं
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!