सावन की आज पहली बारिश है
वो मिल जाए बस यही गुजारिश है
दोनों मिलकर भीगें इस मौसम में
लगाई मैनें ख़ुदा से सिफारिश है
Kahin Barish Baras JaayeKahin Darya Taras JaayeKahin Aa Kar Ghata TherayTumhare Or Mere DarmiyaaAaa Kar KHUDA Therey..Tou ………!!!Uss Lamhay Mere Jivan Main..Tum KHUDA Ke Baad Aatey Ho..Mujey Tum Yaad Aatey Ho
Aaj Halki Halki Baarish Hay,Aaj Sard Hawa Ka Raqs Bhi Hay,Aaj Phool Bhi Nikhray Nikhray Hain,Aaj Un Main Tumhara Aks Bhi Hay
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है..!!क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारोंअपने तो हैं मगर अपनापन गायब है !
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..