आपकी याद आती रही रात भर,
बेखुदी में हंसाती रही रात भर,
चांद मेरे संग सफर में ही रहा,
चांदनी गुनगुनाती रही रात भर 🥰
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये कोई तो मुझ को। जहाँ मैं ढूंढने निकला था बेख़ुदी में तुझे।
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
तेरी बेखुदी में लाखो पैगाम लिखते है, तेरे गम में जो गुजरी बातें तमाम लिखते है, अब तो पागल हो गई वो कलम, जिस से हम तेरा नाम लिखते है!!