आंसुओसे पलके भिगा लेता हूं
याद तेरी आती है तो रो लेता हूं
सोचा की भुला दु तुझे मगर,
हर बार फैसला बदल देता हूं।
मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था।कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था।तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको।क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था।
आंखों के हर कतरे का बोझ उठाता था, उठाता हूँ और उठाता रहूँगा ।मगर आंसुओं को ना कभी बेवफा कहूँगा ।इस जन्म का जो कर्ज है अगले जन्म में जरूर बगैर कर्ज मुस्कराउंगा ।
चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही
लेकिन रवैये अजनबी हो
जाये तो बडी तकलीफ देते हैं
लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।