अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग है,
वरना हर सुबह मेरे तकिये का
बदला हुआ रंग मेरी तन्हाई की
हकीकत ब्यान कर देता।
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।