मैं अपनी छोटी सी ज़िंदगी,तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ
न तुमसे कुछ चाहता हूँ, न दूर रहना चाहता हूँ
बहुत मोहब्बत है तुमसे बस तुम्हें ये कहना चाहता हूँ।
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुएअरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Yun To Sapne Bahut Hasi Hote Hai, Par Sapno Se Pyaar Nahi Karte, Chahate To Tumhe Hum Aaj Bhi Hai, Bas Izhar Nahi Karte!
इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!