चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
साँसों में मेरी ख़ुशबू बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेर इश्क का जादू
सोते-जागते तुम ही तुम नजर आते हो.
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।।
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती