बुराई भी होनी जरूरी है, क्योंकि हर
रोज तारीफ मिलेगी तो आगे नही बढ़ पायेंगे…
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
जो बांधने से बंधे… और तोड़ने से टूट जाये…
उसका नाम है “बंधन”
जो अपने आप बन जाये… और जीवन भर ना टूटे…
उसका नाम है “संबंध”
जिनका कद ऊँचा होता है
वो दूसरों से झुक कर ही बात करते हैं
बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों..
लेकिन उनका लगातार बरसना
बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है…
वैसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास भी
जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं…