एहसास ने एहसास को क्या छुआ,
वो दिल में उतर कर रूह में समा गए!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!
एक पल का एहसास बनकरआते हो तुम दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम जानते हो की लगता है डर तन्हाइययों से फिर भी बारबार तन्हा छोड़ जाते हो तुम..
मोहब्बत में दिल का हर एहसास बहुत अनमोल है… कौन कहता है यह के मोहब्बत हमें, सिर्फ जुदाई देगी…