यूं न रखो चेहरे पर
इतना सादापन,
दिल आवारगी का
बहाना न ढूंढ ले।
यही चेहरा..यही आंखें..यही रंगत निकले, जब कोई ख्वाब तराशूं..तेरी सूरत निकले..
आँखें खुली हो तो चेहरा आपका हो, आँखें बध हो तो सपना आपका हो, हमे मौत का ना दर्र ना ख़ौफ्फ होगा, अगर कफ़न की जगह दुपट्टा आपका हो !
तेरा चेहरा है आईने जैसा क्यो न देखूहै देखने जैसा तुम कहो तो मैं पूछ लू तुमसे है सवाल एक पूछने जैसा दोस्त मिल जायेगे कई लेकिन न मिलेगा कोई मेरे जैसा तुम अचानक मिले थे जब पहले पल नहीं है वो भूलने जैसा..
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी!