तू चेहरे की बढ़ती सिलवटों की परवाह न कर…
हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवाँ तुझको!
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी!
ये चाँद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा ये झील सी नीली आँखे, कोई राज है इन में गहरा तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया
कितने चेहरे थे हमारे आस-पास तुम हि तुम दिल में मगर बसते रहे..!!
यही चेहरा..यही आंखें..यही रंगत निकले, जब कोई ख्वाब तराशूं..तेरी सूरत निकले..