तेरे दर पर आएंगे जब मुल्क की हालत बेहतर होगी,
करना मुआफ खुदाया हमको आज इबादत घर पर होगी!
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
Kabhi udaas ho jayo
to btana tumhay
fir se apna dil denge
tumhe khelne k liye
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ