रिश्ता शुरु होता है तो
इतनी कसमे खाई जाती है
इतनें वादे किए जाते हैं
ऐसा लगता है कि
ये रिश्ता कभी नहीं टूटेगा
और जब मन भर जाता है तो
लोग ऐसे छोड़ कर चले जाते हैं
जैसे कोई रिश्ता था ही नही
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए
जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।