जब दिल ये आवारा था,
खेलने की मस्ती थी।
नदी का किनारा था,
कगज की कश्ती थी।
ना कुछ खोने का डर था,
ना कुछ पाने की आशा थी।
बचपन की कहानी याद नहीं..! बातें वो पुरानी याद नहीं..!! माँ के आँचल का इल्म तो है..! पर वो नींद रूहानी याद नहीं..!!
एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था. चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था..
भीगी हुयी जिंदगी की यही कहानी है,
कुछ बचपन से नालायक था, बाकी आप सबकी मेहरबानी है.
एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था.
चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था.