जिन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है,
की इंसान पल भर में याद बन जाता है !
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है।
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं,
अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं,
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का,
आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho
Tu saath hokar bhi saath nahi hoti
Ab toh rahat mein bhi rahat nahi hoti…